Monday, January 5, 2009

मनमोहन जी ,किस का पुनर्जन्म है ?

लेख पढ़ने वाले सभी पाठकों को नववर्ष की शुभकामनाएं ।

दिसम्बर महीने के शुरु में सर्दी की चपेट में आने की वजह से मुझे दो बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा जिसके कारण मुझे पूरा महीना बैड पर अस्पताल के कमरे की छत और दीवार को देख कर या फिर टी.वी पर मंत्रियों के अजीबों-गरीब ब्यानों को देख- सुन कर गुज़ारने पड़े । कभी-कभी अपने प्रधानमंत्री मनमोहन जी को भी देख लिया , देख कर तसल्ली हुई कि वे देश में ही है ,बुश की विदाई जैसे बड़े मौके पर भी वे अमेरीका नही जा रहे । महान त्याग किया ,मैडम जी से सीखा होगा ।

बैड पर बैठे-बैठे टी.वी देखते हुये एक दिन मैंने कार्यक्रम देखा जिस में एक अमेरीकी शोधकर्ता अमिताभ ,शाहरुख ,नेहरु ,आदि कई भारतीयों के पुनर्जन्म के बारे में बता रहा था । पर अचानक मुझे ध्यान आया कि इस में मनमोहन जी के पुनर्जन्म के बारे मे नही बताया गया है । इस पर मुझे एक कहानी याद आ गयी जो मैने अपने बचपन में सुनी थी ।

एक राज्य पर उस का पड़ोसी राज्य हमला कर देता है । राजा अपनी सेना के साथ युद्ध में कूद पड़ता है । उसका सेनापति दिल का नेक पर काफी डरपोक व बड़बोला था । जोशीली ब्यानबाज़ी से जनता को मूर्ख बनाता रहता था । इसी कारण वह डर से युद्ध के मैदान से भाग कर घर आ जाता है और अपनी माँ और पत्नी से सामान बाँध दूसरे राज्य में चलने को कहता है । जब उसकी माँ और पत्नी सामान बाँध रही होती है वह बाहर बैठ जाता है । अचानक अंदर से बर्तनों के ज़ोर-ज़ोर से खड़कने की आवाज़ें आती है ,इस पर सैनिक की माँ अपनी बहू से कहती है कि मेरा बेटा तलवारों के आपस में टकराने की आवाज़ों के डर से ही तो भाग कर घर आया है तू ज़ोर-ज़ोर से बर्तनों को खड़का कर उसे डरा रही है । बाहर बैठा सैनिक यह सुन लेता है ,वह अपनी माँ से कहता है कि वह समझ गया कि जब देश खतरे में हो तो सैनिक का फर्ज़ लड़ते हुये विजय हासिल करना या शहीद होना होता है । ऐसे में डर य ब्यानबाज़ी का कोई काम नही होता ।

यह तो थी कहानी पर सवाल तो यह है कि मनमोहन जी ,किस का पुनर्जन्म है नीरो का- - ना । नीरो कम से कम बाँसुरी तो बजा ही रहा था जब रोम जल रहा था पर हमारे मनमोहन जी मुबंई हमलों के बाद से ले कर अब तक क्या कर रहें है ?

1 comment:

विजय तिवारी " किसलय " said...

ऋतु जी
आपकी सकारात्मक सोच और स्पष्टवादिता ने यह तो सिद्ध कर दिया कि आप भी भारत माँ की निभीक और स्वाभिमानी संतान हैं
आपका
विजय