कितने दिनों के बाद मनमोहन जी को इतनी खुशी मिली होगी भगवान - - । आखिर पाक मान ही गया कि कसाब उसका नागरिक है । अब ? अब यह सीरियल थोड़ा आगे बढ़ेगा वर्ना तो सास बहू स्टाईल में ही चल रहा था । सब के ज़ेहन में सवाल यह है कि अब आगे क्या होगा ? अरे भाई इतने सास-बहू सीरियल देख लिये है अब तो यह सवाल ज़ेहन में आना ही नही चाहिये । और इतने सालों से सरकारों को अपनी उपलब्धियों पर जशन मनाने के तरीकों को भी तो देखा है या तो छुट्टी मनाते है या फिर समारोह करते है ।
अब क्योंकि यह तो बड़ी खुशी की बात है तो ज़ाहिर है देश में पाँच या दस दिन की छुट्टी होगी । हमारे शहर के शिक्षण संस्थानों में तो हो भी गयी ,हालांकि छात्र और अभिभावक यही समझते है कि धुंध और सर्दी के कारण हुई है । एक दिन के लिये बैंक भी छुट्टी करेंगें । नकद या चैक अगर निकलना या बनवाना चाहते है तो अभी कर लीजिये । फिर बड़ी-बड़ी रैलियाँ और सैमीनार होगें ,आखिर उपलब्धि भी तो छोटी-मोटी नही है ना ! फिर दो-तीन दिन बाद समाचार पत्रों और टी.वी पर घोषणा होगी कि फलां दिन प्रधानमंत्री राष्ट्र को सम्बोधित करेगें । फिर निश्चित दिन व समय पर प्रधानमंत्री जी मैडम जी की इजाज़त ( सौरी आर्शीवाद ) से राष्ट्र को सम्बोधित करेगें , मेरे प्यारे देश्वासियों आप जानते ही हो कि आज कितने दिनों बाद मैं खुशी और राहत महसूस कर रहा हूँ । आखिर सोनिया जी, राहुल बाबा और बुश जी की कोशिशों से पाक ने कसाब को अपना नागरिक मान लिया है । पाक ने बुश जी से वायदा किया है कि जिस दिन भारत कसाब को उसके हवाले करेगा वे उस पर मुकदमा चला कड़ी सज़ा देगें ,पर इस से पहले कि कसाब को हम लाटस आफ गिफ्ट दे समझौता एक्सप्रैस में रवाना करें हम उसे देश के लोगों के सामने लाने के लिये बाकायदा एक समारोह करेंगें और उस में देश की बड़ी हस्तियों को बुलायेगें , नाम तय करने के लिये मैडम आज मीटिंग करेंगी । सोनिया माता की जै ,धन्यवाद ।
रात को कैबिनट की बैठक होगी जिस में हर बार की तरह मैडम जी बोलेगी और बच्चे ( मंत्री जी ) सुनेगें । मीटिंग के फैसले कुछ ऐसे होगें - इतने बड़े काम को करने के लिये पार्टी मनमोहन जी को भारत रत्न तथा प्रणव दादा को बहादुरी का कोई पुरस्कार देने की सिफारिश करेगी । आखिर इस में प्रणव दादा की ब्यानबाज़ी को भी तो सम्मान मिलना ही चाहिये । इतना बोलने से पता नही प्रणव दादा का कितना वेट लूज़ हो गया होगा । दूसरे फैसले में तय किया जायेगा कि कौन मंत्री बोलेगा । मनमोहन जी क्हगें कि मेरे लिये भाषण देना बुश जी से बात करने जितना आसन थोड़े है ,यह काम तो मैडम जी या देश का भविष्य राहुल जी ही कर सकते है । तब मैडम जी यह काम भी प्रणव दादा के नाज़ुक कंधों पर ही डाल देगी । बाकी सब मंत्रियों को चुप रहने के लिये कहा जायेगा । डर भी होगा कि चिदम्बरम जी कसाब पर बोलते-बोलते कही होम लोन की ब्याज दरों पर ही ना बोलने लगें । इसी तरह लालू रेलवे पर और पासवान निजी कम्पनियों में आरक्षण पर ना बोलने लगें । अब मेहमानों की लिस्ट तैयार की जायेगी । प्रियंका गाँधी ,अमर सिंह जावेद अख्तर ,कुलदीप नैयर , अमिताभ बच्चन ,खुशवंत सिंह ,आमिर खान ,शाहरुख खान ,राम जेठमलानी ,एम.एफ.हुसैन ,अंतुले और शिवराज पाटिल । पाटिल जी से अपने नये तथा मँहगे वस्त्र और जूते पहन कर आने के लिये कहा जायेगा ताकि समारोह की शान बढ़े। सब मेहमान कसाब से एक-एक प्रश्न पूछ सकते है । जैसे प्रियंका जी पूछ सकती है कि कसाब ने इतने लोगों को क्यों मारा , कुलदीप जी मोमबत्ती जला सकते है ,अमर सिंह जी कसाब के लिये ज़्यादा सुविधाएं माँग सकते है ,हुसैन पेटिंग बना सकते है ,अमित जी कसाब की मानसिकता जान सकते है । सब को बोलने के लिये एक मिनट मिलेगा सिवाये शाहरुख और आमिर के । क्योंकि शाहरुख को कसाब बोलने में एक मिनट लग जायेंगा और आमिर को एक मिनट यह समझने में कि वे वहाँ ना तो अपनी फिल्म के प्रचार के लिये आये है और ना ही अपने सहयोगी कलाकारों का मज़ाक उड़ाने । मीटिंग में जिन लोगो के आने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा वे है – मनिंदर्जीत सिंह बिट्टा ,के.पी.एस.गिल ,नरेन्द्र मोदी शिव सेना और आर.एस.एस के सभी शाखाओं के नेता । कसाब की सुरक्षा के लिये उसे मनमोहन, प्रणव और चिदम्बरम के बीच बिठाया जायेगां । आखिर में कसाब तथा आये मेहमानों को कबाब और अन्य व्यंजन दिये जायेगें और फिर आखिर में सब डी.जे की धुन पर नाचेगें आज से पहले आज से ज़्यादा खुशी आज तक नही मिली , मनमोहन जी गायेगें , आजो सारे रल मिल भगंड़ा पा लईये । इन सारे फैसलों की जानकारी मीडिया को देने की ज़िम्मेदारी भी मैडम ने प्रणव दादा के ही नाज़ुक कंधों पर डाल दी ।
मीटिंग खत्म करने से पहले मैडम जी ने सब को आदेश दिया कि समारोह शुरु होने पर सब मंत्री अपने नाम के साथ अपना पद बतायेगें , इस लिये रिर्हसल की जायें , पर उस समय हुई रिर्हसल के दौरान चिदम्बरम जी खुद को वित्त मंत्री बोल गये ,जिससे नाराज़ मैडम जी ने उन्हें कागज़ पर सौ बार गृहमंत्री लिखने और इतनी बार बोलने की सज़ा दी । और उन पर नज़र रखने के लिये राहुल बाबा को छोड़ कर मीटिंग खत्म कर दी ।
अगले दिन टी.वी पर इस शानदार समारोह को देख कर बुश जी ने खुश हो कर मनमोहन जी को बधाई दी और शांति का नोबल प्राईज़ या अमेरीका का सबसे बड़ा पुरस्कार दिलाने का भरोसा दिया ।
No comments:
Post a Comment