मुम्बई हमलों के दौरान जो मनमोहन जी ने कहा ,जो किया मुझे लगा था यह इंतहा है वे देश को इससे ज़्यादा शर्मसार नही कर सकते । लेकिन मैं गलत निकली । जिस दयनीयता ,जिस लाचारी का परिचय उन्होंने दिया निश्च्य ही हर देशवासी उससे शर्मिन्दा है ( मै कांग्रेसियों की बात नही कर रही हूँ उन को शर्मिन्दगी तभी होगी जब उन की मैडम जी कहेगीं और वे तब तक नही कहेगीं जब तक कि ऐसा उन के भाषण के पेज में नही लिखा होगा )
सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस मुल्क के लोग किसी दूसरे मुल्क की मिट्टी को छू कर सोना बनाने की ताकत रखते है , बहादुरों जवानों की कमी नही है इस मुल्क में । ऐसे देश के प्रधानमंत्री ने एक अदने से मुल्क के सामने जिस तरह अपनी लाचारी को दिखाया है वह बेहद शर्मनाक है । एक मज़बूत देश का प्रधानमंत्री इतना मजबूर कैसे हो सकता है ? किस बात ने उन्हे रोका है ? इटली से आदेश का इंतज़ार है या अमेरीका से डरते है ?
आप मुम्बई का दौरा कर आये है ,पर तनिक भी विचलित नही ,ज़रा भी आँखों में नमी नही है । पूरी दुनिया हमें कायर और कमज़ोर कह रही है पर आप बिना आक्रोश के सुन रहे है , वाकाई आप बहुत बहादुर है पर हम आप के जितने बहादुर नही है । आप अपने सामने खून से लथपथ और दर्द से कराहते लोगों को देख कर भी शांत है पर हमारे साथ ऐसा नही है । हम टी.वी पर तस्वीरें देखते है तो गुस्से और आक्रोश से भर जाते है और अगर टी.वी नही देखते तो उन तस्वीरों के दर्द से हमारी आखें नम हो जाती है और नमी इतनी ज़्यादा होती है कि सब कुछ धुंधला-धुंधला लगता है । आप या तो हमें कुछ ऐसा उपाय बताईये जिससे आप ही की तरह हमारी आँखों का पानी भी मर जायें या फिर कुछ ऐसा कीजिये जिससे हमारी आँखों की नमी आप की आँखों में भी आ जायें ।
10 comments:
सत्ताधीशो को अपने बिलो से बाहर निकालने के लिये जरुरी है कि देशवासी दिल्ली की ओर कूच करे और इन कायरो को बिलो से बाहर निकाले। आप शांत हो गये तो इन बेशर्मो को चमडी बदलने मे जरा भी समय न लगेगा।
मैं नमन करती हूं उन सभी शहीदों को जिन्होंने हमारी सुख शान्ति के लिये अपनी जान की बाजी लगायी है।
इन मोटी चमड़ी वालो को सिर्फ कुर्सी दिखती है।इस लिए इन्हे दर्द महसूस नही होता।हम तो उन ्शहीदों के लिए सदैव नतमस्तक रहेगें।
pani hota to dub kar mar na jate. narayan narayan
अब समय आ गया है कि आतंकवादियो के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही की जावे अब अहिंसावादी होने का चोला उतारना जरुरी हो गया है अन्यथा देश में अमन शान्ति की कल्पना करना दूर की गोटी साबित होगी ..
pm sahib aap sant hai , jara sipahi bhee baniye aur dho daliye pakistan ko. aaj is desh ko guru gobind singhji ke sant sipahi kee jarurat hai. jab baat samjhane se naa bane to talwar udhane me der naa kare.pura hindustan aap kee taraf dekh raha hai aur saath khada hai.
bharat ke 2 patil our ak shing soniya ki katputli hee.
ज़रा भी आँखों में नमी नही है ।
...क्या कहिएगा इन बेशर्मों को.
हम सब साथ-साथ.यह घड़ी रचनात्मक वतनपरस्ती की है. धिक्कार के लिए बधाई.
प्रधानमंत्री जी को सुन -देख लिया -उनसे यही अपेक्षा थी--लेकिन--
अभी तक माननीय राष्ट्रपति जी की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी-??
वे तो विएतनाम के दौरे पर हैं..क्या भारत में सुनायी दी??
यहाँ के अखबार में एलिज़बेथ२ queen ऑफ़ इंग्लैंड तक ने अपनी प्रतिक्रिया दी--मगर प्रतिभा जी की कोई आवाज़???
वो देख रही है कि क्या कहू अगर कही कुछ बोला तो कल को अलपसंख्यक बुरा तो नही मान जायेगे चुनाव का मौसम है और वो काग्रेस अध्यक्षा के प्रति जवाब देह है देश से उनका लेना देना कही है नही
Post a Comment