Friday, November 21, 2008

मुबंई ए.टी.एस का टू-इन वन ड्रामा

आज कल सबसे चर्चित धारावाहिक कौन सा है ? आप कहेगें बालिका वधू ? शायद कुछ कहे कि हड़ताल के कारण आज कल धारावहिक प्रसारित ही नही हो रहे है । तो सुनिये आज कल का सबसे चर्चित ड्रामा है ,मुंबई ए.टी.एस का । इस ड्रामे में एक्शन ,थ्रिल,रोमांच ,सस्पेंस तो है ही साथ ही है सबसे अनोखी कहानी । इस का निर्माण और प्रसारण बड़ी जल्दी में किया गया है ,इसलिये निर्माता ,लेखक का कुछ पता नही है या शायद यह भी ड्रामे को पापुलर करने का नया स्टंट हो । खैर जो भी है यह ड्रामा आज कल हर न्यूज़ चैनल पर चल रहा है । इस मे जितनी तेज़ी से साज़िशों की परतें खुलती है उतनी तो सास-बहू के किसी ड्रामे में भी नही होती थी । वैसे यह ड्रामा टू-इन वन है । यह सिर्फ उन्ही लोगों के लिये ही नही जो डेली सोप देखना पसंद करते है बलिक राजनीति में रुचि रखने वालों के लिये भी देखने वाला है । इस में इतनी जल्दी ब्यानों से मुकरा जाता है इतनी जल्दी तो नेता भी नही मुकर सकते ।

हो सकता है आप मे से कईयों ने इस ड्रामे की शुरुआती कड़ियाँ मिस कर दी हो ,पेश है उन के लिये एक रीकैप –

मालेगाँव धमाकों की जाँच मे एक साध्वी को मास्टरमाइंड बता कर पकड़ा जाता है ।

फिर अगले दिन एक रिटायर्ड मेजर को पकड़ा जाता है ।

उसके बाद एक कर्नल को मास्टरमाइंड बता कर पकड़ा जाता है । उसे अजमेर ,समझौता एक्सप्रैस आदि धमाकों का भी मास्टरमाइंड बताया जाता है । साठ किलो आर.डी .एक्स जो उसने जेहलम मे डाल दिया उसे झील में डालने से पहले किस –किस को दिया था ?

फिर दयानंद पाण्डे़ मास्टरमाइंड बन जाता है ।

कन्फ्यूज़ तो नही हो गये , फ्रिक ना करे अभी और भी होगें ,तो - -

यहाँ पर भगवान नाम के व्यक्ति का नाम आता है ।

अभी इस का नाम हवा मे होता है कि मायाराम का नाम आ जाता है ।

मायाराम भी हवा मे ही होता है कि पता चलता है कि धमाकों में आर.डी.एक्स का इस्तेमाल ही नही हुआ था ।

तू यह है अब तक का रीकैप । आप कहेगें कि यह तो किरदार है कहानी कहाँ है ? वो तो मैंने आप को शुरु में ही पता दिया था कहानी अनोखी है । यानी कहानी यही है कि एक के बाद एक किरदारों की एंट्री ।

हो सकता है कल को सास-बहू के सीरियल में मुबंई ए.टी.एस की इस अनोखी कहानी का इस्तेमाल होने लगे । या यह भी हो सकता है कि कोई भट्ट कैंप या रामसे बंधु इस पर थ्रिलर फिल्म बना दे या फिर कोई निर्माता कामेडी फिल्म बना दे ,आखिर आज कल की कामेडी फिल्में भी तो बिना कहानी के ही होती है । अगर ऐसा होता है तो मेरी सलाह मानीये फिल्म देखने से पहले सिरदर्द की गोली ज़रुर खाईयेगा ।

हाल-फिलहाल तो मुबंई ए.टी.एस जो ड्रामा रोज़ाना न्यूज़ चैनल पर दिखा रही है ,उसी को देख कर अपना सिरदर्द बढ़ाईये !

3 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

भैया जी, आप को ए०टी०ए़स०पकडने आ जायेगी.

abhivyakti said...

aapka lekh padh kar sar dard zaroor door hua.
-dr.jaya

Anil Pusadkar said...

bahut badhiya